विदेशी विनिमय बाजार वास्तव में एक व्यापारिक वित्त का साधन नहीं है। बल्कि यह व्यापारिक वित्तीय गतिविधियों तथा अंतर्राष्ट्रीय लेनदेनों को सरल बनाता है। निवेशकों विदेशी विनिमय बाजार को निम्न 4 कारणों से इस्तेमाल हैं-
मुद्रा रूपांतरण- कंपनियाँ विदेशी विनिमय बाजार को एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में रूपांतरित करने के लिए इस्तेमाल करती है। मान लीजिए एक मलेशियन कंपनी फ्रांस में एक ग्राहक को बड़ी संख्या में कम्प्यूटर बेचती है तथा ग्राहक फ्रांस में भुगतान करना चाहता है अर्थात्
फ्रांस की मुद्रा में, जबकि मलेशियन कंपनी अपने देश की मुद्रा में भुगतान प्राप्त करना चाहती है, इस स्थिति में दोनों पक्ष इस दुविधा को कैसे दूर करेगी? अतः वे बैंकों की ओर देखती है जो उनकी मुत्तों को आपस में बदल दे।
कंपनियों को स्थानीय मुद्रा में उस स्थिति में भी रूपांतरण करना पड़ता है जब वे विदेशी निवेश को प्रत्यक्ष रूप से स्वीकार करते हैं। इसके अतिरिक्त, जब कि किसी फर्म की विदेशी शाखा कुछ लाभ अर्जित करती है तथा कंपनी उसका कुछ भाग अपने गृह-देश में भेजना चाहती है तब
उसे स्थानीय मुद्रा को उसके गृह-देश की मुद्रा में रूपांतरित करना आवश्यक हो जाता है।
मुद्रा सुरक्षा – विनिमय दरों में प्रतिकूल परिवर्तन से होने वाले घाटे के विरुद्ध निश्चंतता की कार्यविधि को मुद्रा सुरक्षा कहा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ हेजिंग का उपयोग निम्न दो कारणों से करती है-
1.कोषों के अंतर्राष्ट्रीय हस्तांतरण से जुड़े जोखिम को कम करने के लिए।
2.ऋण लेनदेन में स्वयं की रक्षा करने के लिये जहाँ बिलिंग तथा भुगतान की प्राप्ति में एक शोचनीय समयांतराल होता है।
मुद्रा विवाचन- मुद्रा विवाचन लाभ के लिए किसी मुद्रा का
विभिन्न बाजारों में क्रय तथा विक्रय है। उदाहरण के लिए एक मुद्रा व्यापारी न्यूयार्क में यह स्थान देता है कि फ्रांस की मुद्रा फ्रेंक का मूल्य टोक्यो में न्यूयार्क की तुलना में कम है। यहाँ व्यापारी टोकियो में फेक्स खरीद सकता है तथा न्यूयार्क में उन्हें बेच सकता है, तथा इस प्रकार के
अंतर पर लाभ अर्जित कर सकता है।
ब्याज विवाचन ब्याज विवाचन से तात्पर्य ब्याज प्रदान करने वाली प्रतिभूतियों का विभिन्न मुत्तों में लाभ-प्रेरित विक्रय तथा क्रय है।
कंपनियाँ ब्याज विवाचन का प्रयोग विदेशों में अपने देश से अच्छी ब्याज दरों को खोजने के लिए करती है।
मुद्रा अनुमापन- मुद्रा अनुमापन किसी मुद्रा का इस आशा के साथ क्रय तथा विक्रय है कि भविष्य में उसके मूल्य में परिवर्तन होंगे मूल्य में यह परिवर्तन अचानक अथवा एक लंबे समय अंतराल के बाद भी हो सकता है। विदेशी विनिमय व्यापारी किसी मुद्रा के मूल्य को ऊपर
अथवा नीचे जाने दे सकता है।