प्रमण्डल के विक्रय को प्रभावित करने वाले तत्त्व
किसी कम्पनी के विक्रय को प्रभावित करने वाले निम्न तत्त्व हैं- (1) वस्तु की कीमत-किसी कम्पनी द्वारा निर्मित वस्तु की बिक्री पर उसके कीमत का बहुत प्रभाव पड़ता है। वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी बिक्री कम...
Education
किसी कम्पनी के विक्रय को प्रभावित करने वाले निम्न तत्त्व हैं- (1) वस्तु की कीमत-किसी कम्पनी द्वारा निर्मित वस्तु की बिक्री पर उसके कीमत का बहुत प्रभाव पड़ता है। वस्तु की कीमत बढ़ने पर उसकी बिक्री कम...
किसी भावी निश्चित अवधि के लिए वस्तु की मांग अथवा बिक्री का पूर्वानुमान लगाना ही माँग पूर्वानुमान कहलाता है। दूसरे शब्दों में, एक फर्म की भावी विक्रय योजना के अन्तर्गत भविष्य की एक निश्चित अवधि के लिए...
व्यावसायिक पूर्वानुमान की अवधारणाओं से यह स्पष्ट हो चुका है कि व्यावसायिक पूर्वानुमान के लिए व्यवसाय से सम्बन्धित सभी प्रकार के आंकड़ों से सम्बन्धित सभी तरह के आंकड़ों में होने वाले भूतकालीन एवं वर्तमान परिवर्तनों की पर्याप्त...
व्यावसायिक पूर्वानुमान मुख्य रूप से दो मान्यताओं पर आधारित होते हैं- 1.आंकड़ों में एक नियमितता होनी चाहिए अर्थात् आंकड़ों में तीव्र या आकस्मिक रूप से पुनः घटित होने चाहिए। 2.भूतकालीन आर्थिक घटनाएं नियमित रूप से पुनः...
पूर्वानुमान दो तरह के होते है forecasting (1) अल्पकालीन पूर्वानुमान सामान्यतः एक वर्ष तक की अवधि वाले पूर्वानुमान अल्पकालीन पूर्वानुमान कहलाते हैं। इसका उपयोग (1) उत्पादन नीति का निर्माण (2) कच्चे माल की पूर्ति को नियमित...
सिम्पसन तथा कापका के अनुसार, “सांख्यिकी में संख्यात्मक तथ्यों को भूतकालीन परिवर्तन के आधार पर भविष्य हेतु काल-श्रेणी को विस्तृत अथवा विक्षेपित करने की प्रक्रिया को पूर्वानुमान कहते हैं।” एण्डरसन के अनुसार, “पूर्वानुमान भविष्य की परिस्थितियों...
व्यावसायिक चक्रों के अच्छे तथा बुरे दोनों प्रभाव इस बात पर आधारित होते हैं कि अर्थव्यवस्था समृद्धता की दशा से गुजर रही है या मंदी की दशा से। रोजगार समृद्धता दशा में ‘वास्तविक उपभोग्य आय, वास्तविक उत्पादित आय...
(1) प्रो. हा का शुद्ध मौद्रिक सिद्धान्त : प्रो. हार्ट की राय यह थी कि व्यापार चक्र शुद्ध रूप से एक मौद्रिक समस्या है। कई स्फीति तथा कई अपस्फीति की स्थितियों व्यावसायिक गतिविधियों में उच्चावचनों...
व्यापार चक्र के कुछ व्यक्तिगत प्रभाव सकारात्मक होते हैं। फैलाव और समृद्धि के दौर में भाव बढ़ते हैं, विक्रय मूल्य लागत की तुलना में तेजी से बढ़ता है और लाभ भी बढ़ जाता है, लेकिन...
व्यापार चक्रों के एक अध्ययन ने निम्न दो महत्त्वपूर्ण विशेषताओं को प्रदर्शित किया है: (1) इसकी चक्रीय प्रकृति अर्थात् अवधिगतता, (2) इसकी सामान्य प्रकृति या सिंक्रोनिज्म । पहली स्थिति में यह पाया गया है कि...