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NNP में उपभोग वस्तुओं एवं निवेश वस्तुओं के कुल उत्पादन का मूल्य शामिल होता है। लेकिन उत्पादन की प्रक्रिया में स्थिर पूंजी की कुछ राशि प्रयोग हो जाती है। कुछ स्थिर संयंत्र घिस जाते हैं, कुछ मशीनें
टूट जाती हैं अथवा खराब हो जाती हैं तथा अन्य प्रौद्योगिकी परिवर्तनों के कारण अप्रचलित हो जाती हैं। इनकी मरम्मत एवं प्रतिस्थापन के लिए जो राशि रखी जाती है उसे मूल्यह्रास या पूँजी उपभोग भत्ता कहते है।
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त करने हेतु GNP में से मूल्यह्रास घटा दिया जाता है। अतः NNP GNP Depreciation.
बाजार कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद
बाजार कीमतों पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद एक देश में एक वर्ष में अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं का बाजार कीमतों पर शुद्ध मूल्य होता है। अगर बाजार कीमतों पर GNP में से मूल्यह्रास घटा दिया जाए तो बाजार कीमतों पर NNP प्राप्त होती है।
अतः NNP at Market Prices
GNP at Market Prices – Depreciation
साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद
किसी देश में एक वर्ष में उत्पादन के साधनों के सहयोग से जो वस्तुओं का शुद्ध उत्पादन साधन कीमतों पर प्राप्त होता है, उसे साधन लागत पर राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। इसमें उत्पादन के साधनों को मजदूरी तथा वेतन, लगान, ब्याज तथा लाभ के रूप में प्राप्त आय एवं विदेश से शुद्ध साधन आय शामिल होती है। अतः साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय आय कहते हैं।
घरेलू आय या उत्पाद
उत्पादन के साधनों द्वारा देश के अन्दर देश के ही स्रोतों से
अर्जित अथवा उत्पादित आय को घरेलू आय या उत्पाद कहते हैं। घरेलू आय में निम्न मदें शामिल होती हैं-(i) मजदूरी तथा वेतन, (ii) किराया जिसमें मकान किराया भी शामिल हैं, (iii) ब्याज, (iv) लाभांश, (v) मिश्रित आय जिसमें अनिगमित व्यवसायों, साझेदारियों एवं स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों के लाभ शामिल हैं, (vi) प्रत्यक्ष कर क्योंकि घरेलू आय में विदेशों से अर्जित आय शामिल नहीं। होती, अतः घरेलू आय राष्ट्रीय आय विदेशों से अर्जित शुद्ध आय शामिल होते हैं। यदि घरेलू आय में विदेशों से अर्जित शुद्ध आय जमा कर दी जाए, जो राष्ट्रीय आय प्राप्त होती है: राष्ट्रीय आय (Ni) = घरेलू आय (DI) – विदेशों से अर्जित शुद्ध आय। परन्तु विदेशों से अर्जित शुद्ध आय धनात्मक या ऋणात्मक हो सकती है। अगर निर्यात आयात से अधिक हों तो विदेशों से अर्जित शुद्ध आय धनात्मक होगी। ऐसी अवस्था में राष्ट्रीय आय घरेलू आय से अधिक होती है। दूसरी तरफ जब आयात, निर्यात से अधिक होते हैं तो विदेशों से अर्जित शुद्ध आय ऋणात्मक होगी और घरेलू आय राष्ट्रीय आय से अधिक होती है।
निजी आय
निजी आय से तात्पर्य निजी व्यक्तियों द्वारा उत्पादकीय या अन्य स्रोतों से प्राप्त तथा निगमों द्वारा रखी गई आय से है। इसे साधन लागत पर NNP से कुछ मदें घटाकर तथा कुछ जोड़कर निकाला जा सकता है। जोड़ में अन्तरण भुगतान जैसे पेन्शनें, बेरोजगारी भत्ता, बीमारी एवं अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ, उपहार तथा विदेशों से भेजी गई धनराशि, लाटरियों और घुड़दौड़ों से अप्रत्याशित लाभ और सार्वजनिक ऋण पर ब्याज शामिल होते हैं। कटौतियों में सरकारी विभागों से आय, सार्वजनिक उद्यमों से अधिशेष कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा स्कीमों जैसे भविष्य निधियों, जीवन बीमा आदि में अंशदान शामिल होते हैं।
अत: Private Income National Income or NNP at Factor Cost + Transfer Payments + Interest on Public DebtSocial security – Profits and Surpluses of Public Undertakings.
वैयक्तिक आय
वैयक्तिक आय किसी देश में एक वर्ष में निजी व्यक्तियों द्वारा प्रत्यक्ष करों को देने से पहले सभी स्रोतों से प्राप्त आय होती है। वैयक्तिक आय राष्ट्रीय आय के बराबर कभी नहीं होती क्योंकि इसमें अन्तरण भुगतान सम्मिलित किये जाते है जबकि राष्ट्रीय आय में वे शामिल नहीं होते।
राष्ट्रीय आय में से अवितरित निगम लाभ, लाभ कर तथा कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा स्कीमों को अंशदान घटा कर वैयक्तिक आय निकाली जाती है। ये तीनों अंग राष्ट्रीय आय से इसलिए घटा दिये जाते हैं क्योंकि वे व्यक्तियों को प्राप्त नहीं होते। परन्तु व्यावसायिक एवं सरकारी अन्तरण भुगतान, उपहार तथा विदेशों से भेजी गई धनराशि, अप्रत्याशित लाभ और सार्वजनिक ऋण पर ब्याज, जो व्यक्तियों हेतु आय के स्रोत है राष्ट्रीय आय में शामिल किये जाते हैं।
अत: Personal Income = National Income -Debt. Undistributed Corporate Profits – Profit Taxes – Social Security Contributions + Transfer Payments + Interest on Public
वैयक्तिक आय निजी आय से इस बात में भिन्न है कि यह निजी आय से कम होती है। क्योंकि इसमें अवितरित निगम लाभ तथा लाभ- कर शामिल नहीं होते।
अत: Personal Income = Private Income –
Undistributed Corporate Profits-Profit Taxes.
प्रयोज्य आय
प्रयोज्य आय से तात्पर्य उस वास्तविक आय से है जो व्यक्तियों एवं परिवारों द्वारा उपभोग पर व्यय की जा सकती है। वैयक्तिक आय पूरे तौर पर उपभोग पर खर्च नहीं की जा सकती क्योंकि वह आय कर देने से पहले की आय होती है। अतः प्रयोज्य आय को जानने के लिए वैयक्तिक आय में से प्रत्यक्ष कर घटा दिये जाते हैं।
अत: Disposable Income = Personal Income Direct Taxes।
लेकिन सारी प्रयोज्य आय उपभोग पर व्यय नहीं हो जाती वरन् इसका कुछ भाग बचा लिया जाता है। इसलिए प्रयोज्य आय, उपभोग व्यय तथा बचत में बँट जाती है।
अतः Disposable Income = Consumption Expenditure + Savings.
वास्तविक आय
जब राष्ट्रीय आय को एक आधार वर्ष की कीमतों के सामान्य स्तर पर व्यक्त किया जाए तो उसे वास्तविक आय कहते हैं। राष्ट्रीय आय चालू कीमतों पर उत्पादित वस्तुओं तथा सेवाओं का मुद्रा मूल्य होता है। लेकिन यह अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को नहीं बताती। सम्भव है कि इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा वस्तुओं तथा सेवाओं का शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन कम हुआ हो, लेकिन इस वर्ष कीमतों के बढ़ने के कारण राष्ट्रीय आय में वृद्धि हुई हो। इसके विपरीत, यह भी सम्भव है कि शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन तो बढ़ा हो परन्तु कीमत स्तर गिर गया हो, इससे राष्ट्रीय आय में पिछले वर्ष की अपेक्षा कमी प्रतीत होगी। इन दोनों हालातों में राष्ट्रीय आय देश की वासतविक स्थिति नहीं बताती। इसी त्रुटि को दूर करने हेतु वास्तविक आय की धारणा प्रचलित हुई है।
देश को किसी वर्ष की वास्तविक आय जानने हेतु एक ऐसा वर्ष, आधार वर्ष लिया जाता है, जब सामान्य कीमत स्तर न तो अधिक तथा न कम हो एवं उसको 100 के बराबर मान लिया जाता है। अब जिस वर्ष की वास्तविक राष्ट्रीय आय जाननी हो, उस वर्ष की कीमतों के सामान्य स्तर को आधार वर्ष की कीमतों पर मूल्यांकन किया जाता है।