मूल्य बढ़ाव द्वारा GNP मापन

GNP को मापने का अन्य तरीका मूल्य बढ़ाव द्वारा होता है। GNP का आगणन करते समय चालू कीमतों पर एक वर्ष में उत्पादित की गई अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं के मुद्रा मूल्य को लिया जाता है। दोहरी गणना से बचने का यह एक उपाय है। लेकिन एक मध्यवर्ती तथा अन्तिम वस्तु में सही भेद करना कठिन होता है। उदाहरणार्थ कच्चे माल, अधीनर्मित वस्तुएं, ईंधन, सेवाएं आदि एक उद्योग द्वारा अन्य उद्योगों को आगतों के रूप में बेची जाती हैं। वे एक उद्योग के लिए अन्तिम वस्तुएं तथा अन्य उद्योगों के लिए मध्यवर्ती वस्तुएं हो सकती हैं। इसलिए, दोहरेपन से बचने के लिए अन्तिम वस्तुओं के निर्माण में प्रयोग की गई मध्यवर्ती वस्तुओं के मूल्य को अर्थव्यवस्था के हर उद्योग के कुल उत्पादन के मूल्य में से घटा देना चाहिए। अतः उत्पादन की प्रत्येक स्टेज में भौतिक निर्गतों के तथा आगतों के मूल्य में अन्तर को मूल्य बढ़ाव कहते हैं। यदि अर्थव्यवस्था में सभी उद्योगों के ऐसे अन्तर को जोड़ दिया जाए तो मूल्य बढ़ाव द्वारा GDP प्राप्त हो जाती है जिसमें विदेशी प्राप्त शुद्ध आय जोड़ने पर मूल्य बढ़ाव

द्वारा GNP प्राप्त होता है-GNP by value added Gross value added + net income from abroad.

बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद

जब एक देश में एक वर्ष में उत्पादित कुल उत्पादन को उसी वर्ष की प्रचलित बाजार कीमतों से गुणा कर दिया जाए तो बाजार कामता पर GNP प्राप्त होती है। अतः बाजार कामता पर GNP से तात्पर्य एक देग में वर्ष भर में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के सकल मूल्य जा

विदेशों से प्राप्त शुद्ध आय से है। इसमें ऊपर सकल राष्ट्रीय उत्पाद के अन्तर्गत वर्णित (1) से (4) मर्द बाजार कीमतों पर शामिल होती है।

GNP at Market Prices = GDP at Market Prices + Net Income from Abroad.

साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद

साधन लागत पर GNP एक देश में एक वर्ष में विभिन्न उत्पादन के साधनों द्वारा उत्पादित तथा प्राप्त होने वाली आय के मुद्रा मूल्य का जोड़ है। इसमें वे सभी मदें सम्मिलित होती हैं जो ऊपर GNP की आय विधि घटा अप्रत्यक्ष कर में दी गई है। बाजार कीमतों पर GNP में सरकार द्वारा वस्तुओं पर लगाये गये अप्रत्यक्ष कर हमेशा सम्मिलित होते हैं।

जिनसे उनकी कीमतें बढ़ जाती हैं। लेकिन साधन लागत पर GNP वह आय है जो उत्पादन के साधन केवल अपनी सेवाओं के बदले प्राप्त करते हैं। यह उत्पादन लागत है। अतः साधन लागत पर GNP प्राप्त करने के लिए बाजार कीमतों पर GNP में से अप्रत्यक्ष कर घटा दिए जाते

हैं। फिर, ऐसा अक्सर होता है कि उत्पादक के लिए एक वस्तु की उत्पादन लागत, बाजार में वैसी ही वस्तु की कीमत से ज्यादा होती है। ऐसे उत्पादकों को संरक्षण देने हेतु सरकार उनको सब्सिडी के रूप में मुद्रा मदद प्रदान करती है जो वस्तु की उत्पादन लागत एवं बाजार कीमत का अन्तर होती है। इसके कारण उत्पादक के लिए वस्तु की कीमत कम हो जाती है तथा उसी प्रकार की वस्तु की बाजार कीमत के बराबर हो जाती है।

उदाहरणार्थ, अगर चावल की बाजार कीमत 3रु. प्रति कि.ग्रा. है पर कुछ क्षेत्रों में चावल उत्पादकों की उत्पादन लागत 3 रु. 50 पै. प्रति कि.ग्रा. है। तो सरकार उन्हें 50 पैसे प्रति कि.ग्रा. के हिसाब से सब्सिडी देती है ताकि

वे अपनी उत्पादन लागत पूरी कर सकें। इस तरह साधन लागत पर GNP प्राप्त करने हेतु बाजार कीमतों पर GNP में सब्सिडी जमा कर दी जाती है।

अत: GNP at Factor Cost GNP at Market Prices – Indirect Taxes + Subsidies.

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