व्यय के दृष्टिकोण से सकल राष्ट्रीय उत्पाद वर्ष भर में वस्तुओं तथा सेवाओं पर किए गए व्यय का कुल जोड़ होता है, जिसमें मदे शामिल होती हैं-
(i) निजी उपभोग व्यय-देश के लोगों द्वारा अपने व्यक्तिगत
उपभोग पर सब तरह का व्यय इसमें शामिल होता है। इसके अन्तर्गत टिकाऊ वस्तुओं जैसे घड़ी, साइकिल, रेडियो आदि पर खर्चे, उपभोग योग्य वस्तुओं जैसे दूध, रोटी, घी, कपड़े आदि पर खर्चे तथा सब प्रकार की सेवाओं जैसे स्कूल, डॉक्टर, वकील की फीस तथा यातायात आदि पर किए गए खर्चे शामिल होते हैं। ये सब अन्तिम वस्तुएं ली जाती है।
(ii) सकल घरेलू निजी निवेश-इसके अन्तर्गत निजी उद्यमों द्वारा पर और पुरानी पूँजी का प्रतिस्थापन करने के लिए व्यय आता आवास निर्माण, फैक्ट्रियों की बिल्डिंगें, हर तरह की मशीनरी, नये निवेश है। इसमें संयंत्रों व पूँजी पदार्थों पर किए गए खर्च शामिल होते हैं। विशेषकर, इसमें माल सूची में हुई वृद्धि अथवा कमी को भी जमा किया जाता है या घटा दिया जाता है। मालसूची में वर्ष भर में उत्पादित परन्तु न बेची गई, निर्मित व अर्धनिर्मित वस्तुएं तथा कच्चे माल के भण्डार शामिल होते हैं। जिनका लेखा सकल राष्ट्रीय उत्पाद में करना जरूरी होता है। इसमें शेयर एवं स्टॉक के वित्तीय विनिमय को नहीं लिया जाता क्योंकि इनका क्रय-विक्रय वास्तविक निवेश नहीं होता, परन्तु मूल्यह्रास को जोड़ा जाता है।
(iii) विदेशी निवेश-शुद्ध विदेशी निवेश से तात्पर्य निर्यात और आयात का अन्तर या निर्यात अधिशेष है। प्रत्येक देश कुछ वस्तुएं विदेशों को निर्यात करता है एवं कुछ विदेशों से आयात करता है। आयात की गई वस्तुएं देश में उत्पादित न होने के कारण राष्ट्रीय आय में शामिल की जा सकती हैं लेकिन निर्यात निर्यात की गई वस्तुएं देश में ही निर्मित होती हैं। इसलिए निर्यात तथा आयात वस्तुओं के अन्तर-मूल्य को सकल राष्ट्रीय उत्पाद में सम्मिलित किया जाता है चाहे, यह धनात्मक हो या ऋणात्मक।
(iv) वस्तुओं तथा सेवाओं पर सरकारी व्यय देश की सरकार द्वारा वस्तुओं तथा सेवाओं पर किया गया व्यय भी सकल राष्ट्रीय उत्पाद का भाग होता है। केन्द्रीय प्रान्तीय तथा स्थानीय सरकारें अपने कर्मचारियों, पुलिस एवं सेना पर बहुत व्यय करती हैं। सरकारों को दफ्तरों का काम चलाने हेतु उपभोग वस्तुओं पर भी व्यय करना पड़ता है जिसमें कागज, पैन, पैन्सिल एवं कई तरह का स्टेशनरी; कपड़ा, फर्नीचर, कार, आदि शामिल होते हैं। इसमें सरकारी उद्यमों पर किया जा रहा खर्च भी आता है।परन्तु अन्तरण भुगतानों पर व्यय नहीं जोड़ा जाता क्योंकि ये चालू वर्ष में उत्पादित सेवाओं और वस्तुओं के बदले में नहीं किए जाते।
इस तरह GNP according to Expenditure Method= Private Consumption Expenditure (C) + Gross Domestic Private Investment (I) + Net Foreign Investment (XM) + Government Expenditure on Goods and Services (G) अर्थात् GNP C + I + (X-M) + G, जहाँ X निर्यात है और M आयात।